ज्यादातर राज्य बोर्ड ने अपनी कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने उन सभी राज्य बोर्ड को आदेश दिया है कि 31 जुलाई तक 12वीं का रिजल्ट घोषित करें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जिन राज्यों ने अभी तक आंतरिक मूल्यांकन की स्कीम तैयार नहीं की है, उनके पास 10 दिन का समय है.
इससे पहले सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसकी योजना है कि कक्षा 12 के छात्रों के लिए मूल्यांकन मानदंड कक्षा 10वीं और कक्षा 11वीं के परिणामों पर आधारित होगा. CBSE ने बताया कि 12वीं का कुल अंक पिछली परीक्षाओं के प्रदर्शन पर आधारित होंगे. बोर्ड ने बताया था कि रिजल्ट 31 जुलाई तक जारी कर दिए जाएंगे.
वहीं उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने लखनऊ में कहा था कि यूपी बोर्ड कक्षा 10वीं और 12वीं के परिणाम और मार्कशीट जुलाई में घोषित की जाएगी. आपको बता दें, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने 20 जून को कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों के मूल्यांकन के लिए नए फॉर्मूले की घोषणा की थी.
CBSE बोर्ड ने कक्षा 12 की परीक्षा के लिए अपना मूल्यांकन मानदंड प्रस्तुत करते हुए अदालत को बताया था कि 40 प्रतिशत अंक कक्षा 12 के प्री-बोर्ड पर आधारित होंगे. जबकि 10वीं और 11वीं के परीक्षा के भी 30-30 फीसदी अंक जुटेंगे. बोर्ड ने 12वीं के रिजल्ट में पिछली परीक्षाओं के प्रदर्शन को भी अहमियत देने का फैसला किया है.
CBSE ने SC को बताया था कि प्रैक्टिकल 100 अंकों के होंगे और छात्र-छात्राओं को स्कूलों द्वारा दिए गए अंक ही मान्य होंगे. आपको बता दें, ICSE बोर्ड ने भी सुप्रीम कोर्ट को हलफनामा देकर बताया है था कि 31 जुलाई से पहले रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा.