Saturday, February 22, 2025

सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट अस्पतालों से पूछा है कि क्या वो कोरोना के मरीजों का आयुष्मान भारत के लिए तय कीमत पर कर सकते हैं. शीर्ष अदालत ने ने निजी अस्पतालों को जवाब के लिए दो हफ्तों का समय दिया है. इसके साथ ही केंद्र, हेल्थ केयर एसोसिएशन को भी दो सप्ताह के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया.

देशभर के प्राइवेट अस्पतालों व चेरिटेबल अस्पतालों में कोरोना मरीजों के फ्री या कम कीमत में इलाज को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है.सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट अस्पतालों से पूछा है कि क्या वो कोरोना के मरीजों का आयुष्मान भारत के लिए तय कीमत पर कर सकते हैं. शीर्ष अदालत ने  निजी अस्पतालों को जवाब के लिए दो हफ्तों का समय दिया है. इसके साथ ही केंद्र, हेल्थ केयर एसोसिएशन को भी दो सप्ताह के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया.

हरीश साल्वे ने  हेल्थ केयर फेडरेशन की ओर से बताया कि निजी अस्पतालों में मरीजों का आना 60 से 70 प्रतिशत कम हो गया है क्योंकि लोग अस्पतालों में नहीं आ रहे. इस पर CJI  ने कहा कि यह ठीक है, आप एक अच्छे कारण के लिए एक बलिदान कर रहे हैं. मामले में निजी अस्पतालों की ओर से पेश हुए मुकुल रोहतगी ने कहा कि वे आयुष्मान दरों के लिए सहमत नहीं हो सकते.याचिकाकर्ता सचिन जैन की ओर से बताया गया कि यह अस्पताल की लाभप्रदता को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है. यदि कोई व्यक्ति इस योजना द्वारा शासित है तो मानक दर 4000 है. सरकार अस्पताल का भुगतान करती है लेकिन अस्पताल  रोगी से 50000 रुपये शुल्क लेता है जो इस योजना के तहत लाभार्थी नहीं है. केंद्र सरकार ने SC को बताया कि यह सरकार द्वारा लाभार्थियों की पहचान की गई श्रेणियों के साथ तैयार की गई योजना है. सभी लोग जो इस योजना को नहीं अपना सकते है.

सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले पहले कहा था कि वो सभी निजी अस्पतालों के लिए कोई आदेश जारी नहीं करेगा. कोर्ट उन निजी/ चैरिटेबल अस्पतालों के लिए बात कर रहा है जिन्हें सरकार के जमीन मिली है. सभी निजी अस्पतालों को कोरोना पीडितों का मुफ्त इलाज करने तो नहीं कहा जा सकता, वैसे भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि ऐसे अस्पताल कुछ मरीजों का मुफ्त इलाज करेंगे. वहीं केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर कहा कि उसके पास निजी या धर्मार्थ अस्पतालों को COVID-19 रोगियों को मुफ्त इलाज देने के लिए कोई वैधानिक शक्ति नहीं है. केंद्र ने कहा है कि क्लीनिकल एस्टाब्लिशमेंट कानून, 2010 के तहत कोई प्रावधान नहीं ह जिसके तहत यह अनिवार्य किया जाए कि सार्वजनिक भूमि पर चल रहे निजी अस्पताल COVID-19 रोगियों क मुफ्त में इलाज करेंगे

.केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दोहराया है कि इस तरह की नीतियों को केवल संबंधित राज्य सरकारों द्वारा ही लागू किया जा सकता है. केंद्र ने कहा कि वर्तमान में चैरिटेबल संस्थानों सहित निजी अस्पतालों को क्लिनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 के प्रावधानों द्वारा नियंत्रित किया जाता है. उक्त अधिनियम के अलावा, कोई अलग प्रावधान या कोई अन्य वैधानिक प्रावधान नहीं है जो केंद्र सरकार को चैरिटेबल अस्पतालों को मुफ्त में इलाज करने के आदेश जारी करने की शक्ति दे. केंद्र सरकार इस तरह अस्पतालों में वर्गीकरण नहीं कर सकता. इसके साथ ही केंद्र ने कहा है कि फ्री इलाज जैसी मांग से चेरिटेबल अस्पतालों के वित्तीय स्वास्थ्य  को सीधे प्रभावित करेगा, यह न केवल न्याय के हित में होगा, बल्कि वांछनीय होगा कि कोई भी आदेश जारी करने से पहले उक्त चैरिटेबल संस्थानों को सुनवाई का अवसर दिया जाए क्योंकि इस आदेश से वो सीधे प्रभावित होंगे. केंद्र ने हलफनामे में ये भी कहा है कि चूंकि स्वास्थ्य एक राज्य विषय है और भूमि प्रबंधन भी राज्य का ही विषय है, इसलिए राज्य सरकारें ही ऐसा कोई कदम उठा सकती हैं. हालांकि, प्रत्येक राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश ने निजी स्वास्थ्य सुविधाओं के सहयोग से उपचार की लागत सहित अपने स्वयं के तंत्र की शुरुआत की है. दरअसल सुप्रीम क़ोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या रियायती ज़मीन पर सरकारी जमीन पाने वाले निजी चैरिटेबल हॉस्पिटल कोरोना के मरीजों का मुफ्त या कम कीमत पर इलाज करने को कहा जा सकता है?

कोर्ट ने कहा कि ऐसे अस्पतालों की पहचान कर कोर्ट को बताया जाए. मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन्हें या तो मुफ्त में या बहुत मामूली कीमत पर जमीन दी गई है. इन धर्मार्थ अस्पतालों में उन्हें मुफ्त में इलाज करना चाहिए.सुप्रीम कोर्ट में दाखिल सचिन जैन की याचिका में कहा गया है कि निजी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों से कम कीमत ली जाए और सरकारी जमीन पर बने चैरिटेबल अस्पताल बिना लाभ कमाएं इलाज करें.

Tags:

0 Comments

Leave a Comment

LATEST POSTS

Delhi Property Tax Rates Likely To Go Up Marginally
Bizzopp Business Expo 2025: Unlock Networking and Growth Opportunities in New Delhi
Bizzopp Expo and Business Awards 2025: A Landmark Event in New Delhi
RELIANCE आज पेश करेगा अपने Q4 नतीजे
IMF के ग्लोबल अनुमान घटाने से कच्चे तेल की कीमतों पर दबाव, 1950 डॉलर के नीचे आया सोना
Dubai 22K gold price touches Dh200 a gram for first time in nine years
Sensex 1,500 अंक तक गिरा, Nifty भी लुढ़ककर 17,000 के नीचे आया
महिलाओं की दिलचस्पी ऑनलाइन ट्रेडिंग बाज़ार (FX & CFD’s) में क्यों बढ़ने लगी?
Share Price में हेराफेरी! SEBI ने 85 कंपनियों को शेयर मार्केट से ट्रेडिंग पर लगाया बैन
Celebrity Bhagyashree Presents Awards to Notable Personalities.
शेयर बाजार में गिरावट का दिन, सेंसेक्स-निफ्टी नुकसान में
Dollar Consolidates, Still in Demand